परिचय
योगी रूद्रनाथ जी का जन्म मथुरा मे हुआ उनके पिता जी के आशीर्वाद से और गुरुकृपा मिलने के कारण से ही मात्र 5 वर्ष की आयु मे गुरु दीक्षा प्राप्त कर ली थी |
गुरूजी की रुचि इतनी तीव्र एवं निष्ठाबान होने के कारण से नित्य पूजा पाठ और निरंतर साधना करने लगे और उनकी इस इच्छा और अभोधपन को देखें कर उनके सदगरू से उनको पूर्ण दीक्षा प्राप्त हो गयी इस कारण से गुरूजी को साधना और भागवत प्राप्ति के मार्ग पर अग्रेसर और तीव्र गती मिल गयी .. मात्र 14 वर्ष की आयु आते आते गुरूजी को बहुत सी साधना के चरण पूर्ण कर लिए थे जिसके कारण कुछ सिद्धया भी सिद्ध हुई |
गुरुजीको उनके सद्गुरु जी सी कुछ विशेष दीक्षाये भी मिली जैसे 10 महाविद्या एवं महाकाल भैरव, 64 योगीनी 56 कलवा, 52 भैरव की हुई है माँ गंगा माता और साथ साथ मे कामख्या तंत्रम मसान और मसानी सिद्धि भी कराई |
गुरूजी बालपल से ही बहुत दयालु सौभाव के है उनका हृदय एक बच्चे जैसा है. एकदम कोमल वो अपने आप को अभी भी अभोध बच्चा ही मानते है वैसे ही जीवन यापन करते है |
अध्यात्म शिक्षा के साथ साथ उनकी सांसारिक शिक्षा भी हुई है सांसारिक शिक्षा मे गुरुजी ने मुंबई यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन, एम बी ऐ (MBA), मार्शल आर्ट 5th Dan black belt, सामाजिक व्यवसायी कोर्स (Social Entrepreneur Course ) लाइफ कोच, मार्शल आर्ट कोच, की शिक्षा हुई है |
जब गुरूजी के सद्गुरु ने 26 साल तक तंत्र मन्त्र यँत्र एवं साधनाये सिद्धि पूर्ण ज्ञान देकर जब हर प्रकार की शिक्षा पूर्ण हों गयी. 1000 परिवारों को सद्गुरुजी के संध्या मे रहकर तंत्र बांधा से ठीक किया. जब सद्गुरुजी ने आदेश दिया बेटा तुझे अब सनातन धर्म एवं हर मनुष्य जो परेशान है उन परिवारों को किसी भी प्रकार की समस्या जैसे तंत्र बाधा,भूत-प्रेत शैतानी शक्ति,काला जादू, ग्रहबाधा,अतृप्त आत्मा से परेशान ,भय या कोई बीमार जो ठीक नही हो रही हो ,कुंडली संबंधित कालसर्प योग- पितृदोष, मंगल दोष , चंद्र दोषआदि समस्याओं को अनुष्ठान द्वारा निदान करना है |
ओर जन मनुष्य को जीवन मे आनंद महसूस हो ऐसा कार्य करना है वो परिवार सुखमय जी सके भौतिक जीवन को आनंद के साथ बिना परेशानी के जीवन यापन करें इसलिए तुमको गुरू दीक्षा देकर उनके जीवन मे प्रकाश की ज्योति जगानी है.सद्गुरु के आदेश अनुसार गुरूजी ने दीक्षा देना शुरू कर दिया एवं सनातन धर्म मे जो भ्रतिया फैली हुई है उनको ख़त्म करना है और तुमको 2 करोड़ पेड़ लगाने है सिर्फ पीपल बरगद और नीम. ऐसा बगलमुखी यज्ञ कराकर संकल्प लिए वो ही उनकी दक्षिणा के रूप मे गुरूजी से गुरु दक्षिणा ली है |
About Me
Yogi Rudranath ji was born in mathura with the blessings of his father and due to the blessings of guru, he received guru diksha at the age of just 5 years.
Due to guruji’s interest being so intense and devoted, he started doing daily puja and continuous sadhana and after seeing his desire and innocence, he received complete initiation from his guru. Due to this guruji moved forward on the path of sadhana and attainment of bhagwat and got faster speed. By the time he was just 14 years old guruji had completed many stages of sadhana due to which some siddhis were also accomplished.
Guruji also got some special initiations from his sadhguru ji like 10 mahavidya and mahakal bhairav, 64 yogini, 56 kalva, 52 bhairav’s mother ganga mata and also got masan and masani siddhi done in kamakhya tantram.
Guruji has a very kind nature since childhood, his heart is like a child. Very gentle, he still considers himself an innocent child and lives his life the same way.
Along with spiritual education, he also got worldly education. In worldly education, guruji completed his graduation from mumbai university, MBA, martial arts 5th dan black belt, social entrepreneur, life coach, martial arts coach.
When guruji’s guru taught tantra, mantra, yantra and sadhana for 26 years and gave him complete knowledge, every type of education was completed. 1000 families were cured by guruji’s evening session with tantra bandha. when guruji took order from his guruji sanatan dharma and every person who is in trouble, those families with any kind of problem like Tantra obstruction, demonic power, black magic, planetary obstruction, troubled by unsatisfied soul, fear or any sick person who is not well. If it is not happening, the problems related to horoscope like Kaal Sarp Dosh, Pitrudosh, Mangal Dosh, Chandra Dosh etc. will be solved through rituals.
And the work has to be done in such a way that people feel joy in life, their families can live happily, they can live their material life with joy and without any problems, hence you have to awaken the enlightenment in their lives by giving them Guru Diksha. As per the orders of Sadhguru, Guruji Started giving initiation and have to end the misconceptions spread in Sanatan Dharma and have to plant 2 crore trees only Peepal, Banyan and Neem. Having resolved to perform such a Bagalamukhi Yagya, he has taken Guru Dakshina from Guruji as his Dakshina.
The Guruji also an:
Spiritual lecturer & consultant
Finance consultant
Business consultant
Business management consultant
Business coach
Motivation speaker
Leadership coach
समस्या जैसे तंत्र बाधा,भूत-प्रेत शैतानी शक्ति,काला जादू, ग्रहबाधा,अतृप्त आत्मा से परेशान ,भय या कोई बीमार जो ठीक नही हो रही हो ,कुंडली संबंधित कालसर्प योग- पितृदोष, मंगल दोष , चंद्र दोषआदि समस्याओं को तंत्र एवं साधनायो द्वारा निदान करना है |
Problems like Tantric obstruction, ghosts, evil power, black magic, planetary obstruction, troubled by unsatisfied soul, fear or any sick person who is not getting cured, horoscope related Kalsarp Yoga – Pitrudosh, Mangal Dosh, Chandra Dosh etc. problems can be solved through Tantra and Sadhanas. Have to diagnose.
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