प्रत्यक्ष हनुमान साधना
Pratyaksha Hanuman Sadhana
इस कलयुग में हनुमान साधना करना अंधेरे रात में दीपक जलाने के समान है !
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुज्वान्क्रशानुं ग्यानिनामग्रग्य्म !
सफल्गुन्निधान वानरनामधिष्ण राधुपतिप्रियाभ्क्तं वातजातं नमामि !!
आप महावीर है, आपमें अतुलबल है, आपके बल को कौन तौल सकता है ? आप शारीरिक , आध्यत्मिक, नैतिक और हर प्रकार के उच्चतम बल की साक्षात् मूर्ति है, आपकी यह पुष्ट और सशक्त देह पर्वत के सामान है ! आपमें स्वर्णिम तेज देदीप्यमान है, आपकी देह विर्य्बल से एसी दीप्तिमान है मनो सोने का पर्वत चमक रहा हो ! आप शक्तियों मैं राक्षसों (और समस्त आसुरी शक्तियों ) के वन को जलने के लिए भयंकर दावानल के सामान , ज्ञानियों मे अग्रणी , सफल शुभ दैवी गुणों से परिपूर्ण , वानर -सेना के अधीश्वर , भगवन श्री राम के प्रिय भक्त और श्रुति मैं पवन-जैसी है, पवनपुत्र हैं !
अत: मैं कार्यसिद्धि के लिए आपकी शक्ति प्राप्त करने के लिए आपको नमन करता हूँ आप दया के सागर है |
साधना नियम
हनुमान साधना वीरभाव और दासभाव दोनों से संपन्न की जा सकती है ! हनुमान साधना मैं जो नियम है उनका पालन अवश्य करना चाहिए ! हनुमान साधना कोई कठिन नहीं है ! हनुमान साधना स्त्री, पुरुष समान रूप कोई भी कर सकता है |
दैवीय, दानवी और मानवी सरस्वती मैं इनका मन और महत्तव सर्वोच्च है ! जिस समय इन्होने जन्म लिया , उसी समय ब्रह्मा, विष्णु, महेश, यम वरुण, कुबेर , अग्नि, वायु, इंद्रादी ने इन्हें अजर – अमरत्व का वरदान दिया था और अनेक प्रकार के वर भी दिए थे |
जीवन मैं कई बार ऐसी घटनाएँ भी घटती हैं जिनसे व्यक्ति विचलित हो जाता है ! एसी परिस्थिति मैं स्वयं को अविचलित और अडिग बनाया जा सकता है ! स्वयं मैं वज्र की तरह अडिंग को समाहित करें, जैसी शक्ति हनुमान मैं थी |
कैसी भी विपरीत परिस्थिति हो , कैसा भी वातावरण निर्मित हो रहा हो, जरुरत होती हैं उन परिस्थितियों मैं अविचलित भाव से खड़े होने की, उचित निर्णय लेने की और यह सामर्थ्य प्राप्त हो सकती है |
इस तीव्र हनुमान साधना से !
इस साधना को करने पर चाहे कितनी भी विपरीत परिस्थिति हो, आप अविचलित भाव से खड़े होकर निर्णय लें सकते है ..
कलियुग में पृथ्वी पर अभी प्रत्यक्ष रूप से श्री हनुमान जी विराजमान हैं तथा शीघ्र ही कृपा करने वाले भी हैं ! उनकी साधना उपासना हमेशा से जनमानस के लिए अति कल्याणकारी रही हैं ! उनकी उपासना सर्वजन अनुकूल एवं सरल हैं ! उनकी साधना से अल्प समय में ही अति लाभ की स्तिथि उत्पन्न होती हैं ! हमे बिना किसी भय के निडर होकर हनुमान साधना संपन्न करनी चाहिए !
श्री हनुमान जी की साधना करने पर साधक को अनगिनत लाभ होते हैं जिनमे से कुछ निम्नलिखित हैं |
1 हनुमान जी की साधना करने पर साधक को बल, बुद्धि, साहस प्राप्त होने लगता हैं
2 उसे साधना में संलग्न रहने पर सभी लौकिक एवं पारलौकिक सिद्धियां प्राप्त होने लग जाती हैं
3 रोगों का शमन होता हैं
4 मानसिक दुर्बलता की स्तिथियों में उनसे सहायता प्राप्त होती हैं
इस साधना को हनुमान जयंती अथवा किसी भी मंगलवार या शनिवार से प्रारम्भ किया जा सकता हैं ! यह साधना प्रातः 4 बजे से 7 बजे के मध्य या सायं 8 बजे से रात्रि 12 बजे के मध्य संपन्न कर लेनी चाहिए !
साधक स्वयं लाल अथवा संतरी रंग की धोती पहने तथा
साधना काल मैं शुद्ध एवं सात्विक आहार ही ग्रहण करे एवं पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करें
पूर्व की तरफ मुँह करके एक बाजोट पर
मंत्र सिद्ध हनुमान यंत्र को चावल की ढेरी पर स्थापित कर उसके सामने हनुमान रक्षा कवच को स्थापित कर चमेली के तेल का दीपक लगाकर , पंचो उपचार पूजन करें , ध्यान मंत्र बोलकर ..
मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।
अर्थ हिंदी – जिनकी मन के समान गति और वायु के समान वेग है, जो परम जितेन्दिय और बुद्धिमानों में श्रेष्ठ हैं, उन पवनपुत्र वानरों में प्रमुख श्रीरामदूत की मैं शरण लेता हूं !
एक बार बजरंग वाण का पाठ करने के बाद निम्न मंत्र का 5 दिन तक नित्य मंत्र सिद्ध प्राण प्रतिष्ठा युक्त मूंगा माला से 11 माला मंत्र जाप करें !
साधना समाप्ति के बाद 5 छोटी लड़कियों को भोजन कराएं
उसके बाद 21 दिन तक नियमित 1 माला जाप करे,
मंत्र सिद्ध प्राण प्रतिष्ठा युक्त हनुमान यंत्र , मूंगा माला और यन्त्र सहयोग a राशि मात्र – 11000/-
समस्या जैसे तंत्र बाधा,भूत-प्रेत शैतानी शक्ति,काला जादू, ग्रहबाधा,अतृप्त आत्मा से परेशान ,भय या कोई बीमार जो ठीक नही हो रही हो ,कुंडली संबंधित कालसर्प योग- पितृदोष, मंगल दोष , चंद्र दोषआदि समस्याओं को तंत्र एवं साधनायो द्वारा निदान करना है |
Problems like Tantric obstruction, ghosts, evil power, black magic, planetary obstruction, troubled by unsatisfied soul, fear or any sick person who is not getting cured, horoscope related Kalsarp Yoga – Pitrudosh, Mangal Dosh, Chandra Dosh etc. problems can be solved through Tantra and Sadhanas. Have to diagnose.
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