त्रिशक्ति संपुदित कुलदेवी साधना

Trishakti Sampudit Kuldevi Sadhana

देवीय शक्ति का मूल आधार है
“त्रिशक्ति साधना”
(महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती)
त्रिशक्ति के समावेश से ही महाविद्या का जन्म होता है

हर व्यक्ति दैवीय शक्ति प्राप्त करना चाहता है, हजारों
लोग महाविद्ध्या शक्ति में प्रवेश होना चाहते है,
क्या तुम्हारे मन में एक बार भी प्रश्न नही आता कि वर्षों से साधना करते रहने के बाद भी तुम्हें साधनाओं में सफलता क्यों नही मिल रही है |

साधनों मे ना सफलता मिलने बहुत से कारण होते है जैसे पितृ दोष, कालसर्प दोष, गुरू दोष, एवं मुख्य कारण है तंत्र दोष होता है और गुरू द्वारा दी गयी दीक्षा सही विधि विधान से नहीं मिली है और दीक्षा मिल भी गयी है तो गुरू ने प्रमाणित शुरुआती साधना नहीं कराई है सीधा महाविद्या साधना करने लगाते है |

जब दीक्षा लेने के बाद शुरुआती 4 साधना करनी चाहिए
1. पितृ दोष एवं कालसर्प दोष निवारण साधना
2. कुलदेवी कुलदेवता साधना
3. गणेश रिद्धि सिद्धि साधना
4. तंत्र बांधा निवारण साधना

अधिकतर गुरू तो ये शुरुआत साधना करतें ही नहीं है तो कैसे साधनायो मे सफलता मिलेगी जब तुम अपनी शुरुआती साधना नहीं करोगे तो जीवनभर साधना करतें रहे फिर साधनायो सफलता नहीं मिलेगी ऊपर से परेशानिया बढ़ जाएगी क्युकी साधना सफलता तभी मिलती है जब तुम्हारे तंत्र दोष निराकरण हो जाये एवं हमारे ऋषि मुनीयों और प्रकृति निर्मित मंत्रों की छोटी-छोटी साधना करते रहने के जरिये दोष है खत्म होती है |

जन्म-जन्मों के पाप दोष कर्म ज्योतिष से नही, कथावाचकों के प्रवचन से नही, नाच कूद से नही , गंगा में डुबकी लगाने से नही , पहाड़ों में चक्कर लगाने से नही सिर्फ साधनात्मक योग्य गुरु के संरक्षण मैं उचित मार्ग दर्शन में छोटी – छोटी जीवन निर्माण की साधना करें , निश्चित ही 100% आप की समस्याओं का निराकरण होगा |

आध्यात्मिक भौतिक एवं व्यपारी जीवन मे पूर्ण सफ़लता प्राप्ति के लिये त्रिशक्ति एवं कुलदेवी साधना “महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती” सायुज्य त्रिशक्ति साधना दूंगा जिसे बहुत ही आसानी से अपने घर पर कर सकते है बहुत ही सरल विधि विधान के साथ, जिस व्यक्ति पर ‘महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती’ की कृपा हो जाये तो शेष कुछ रहता ही नही |

मेरा मानना है जीवन मे हर गृहस्थ – साधक, साधिके, सन्याशी साधक, को त्रिशक्ति कुलदेवी साधना 4 नवरात्री करनी ही चाहिए अगर वर्ष की चारों नवरात्रियों में इस साधना को सम्पन्न कर लिया तो इसके बाद आप जो भी महाविद्ध्या या अन्य साधना करोगे तो निश्चित ही सफ़लता के साथ प्रत्यक्षीकरण होगा ही |

यह साधना रात्रि 9 दिवशीय है जिसे नवरात्रि में रात्रि 8 बजे के बाद किसी भी समय शुरू की जाती !
इस साधना में मात्र शक्ति माला से 33 माला मात्र जाप किया जाता है |

Note : साधना गुरू दीक्षा देकर ही मिलेगी और साधना विधि साधना सामग्री के साथ भेजी जाएगी मंत्र सिद्ध प्राण-प्रतिष्ठा युक्त साधना सामग्री मात्र – 5100/Rs
साधना सामग्री के साथ विधि भेजदी जायेगी

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समस्या जैसे तंत्र बाधा,भूत-प्रेत शैतानी शक्ति,काला जादू, ग्रहबाधा,अतृप्त आत्मा से परेशान ,भय या कोई बीमार जो ठीक नही हो रही हो ,कुंडली संबंधित कालसर्प योग- पितृदोष, मंगल दोष , चंद्र दोषआदि समस्याओं को तंत्र एवं साधनायो द्वारा निदान करना है |

Problems like Tantric obstruction, ghosts, evil power, black magic, planetary obstruction, troubled by unsatisfied soul, fear or any sick person who is not getting cured, horoscope related Kalsarp Yoga – Pitrudosh, Mangal Dosh, Chandra Dosh etc. problems can be solved through Tantra and Sadhanas. Have to diagnose.

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