सिद्धि साधना सरम्भ से पूर्व साधको के लिए अति आवश्यक निर्देश |

जब किसी भी साधना को करतें है तब विशेष तरह से नियम होते है उनका पालन करना अति आवश्यक है साथ ही साथ अन्य नियम भी है उनकी व्यवहारिक उपयोगिता और प्रभाव को स्वीकार किया है सिद्धि साधना विद्यान के अंतर्गत साधको को इस प्रकार के निर्देश दिये गये है |

1) स्नान करके शुद्ध स्वच्छ वस्त्र पहन कर उपासना स्थल मे जाना चाहिये |
2) वस्त्र दो हों सिले हुए न हों |
3) साधना या उपासना स्थल पूर्णतया शांति सुरक्षित और एकांत हों |
4) दिन भर एक पहने हुए वस्त्र साधना के समय नहीं पहनने चाहिये |
5) आसन पर एक बार बैठ जाने पर बार बार उठना उचित नहीं होता है |
6) बैठने मे सदैव शरीर सीधा रहे ( मेरुदंड )कमर को झुकाना नहीं चाहिये |
7) सिद्धि साधना आरम्भ करतें समय शुभ दिन, तिथि मुहर्त आदि का विचार अवश्य कर लेना चाहिये साधना मुहर्त पर ही आरम्भ करना चाहिये |
8) सिद्धि साधना और अनुष्ठान मे पूजन जप और आहुतिया की पूर्ति आवश्यक करनी चाहिये |
9) जप काल मे नित्य देवता एवं देवी का आवाहन विसर्जन करतें रहना आवश्यक होता है l किन्तु मंदिर मे आस्थापित विशाल देव प्रतिमाओ के समक्ष साधना करने पर आवाहान विसर्जन की आवश्यकता नहीं नहीं है |
10) साधना के नियम अनुसार धुप, दीप,अक्षत, चन्दन, गंगाजल, पुष्प और भोग नियमानुसार प्रयोग करना नित्य ही आवश्यक ही किया जाना चाहिये |
11) साधना अनुष्ठान हवन पूर्ण होने पर, तर्पण, किर्या एवं गरीब अनाथ छोटी कन्या को भोजन आवश्य कराये और दक्षिणा दान करना चाहिये |
12) साधना काम मे पूर्ण बृहाचर्य व्रत का पालना करना चाहिये |
13) साधना सिद्धि अनुष्ठान आरम्भ के समय जैसा संकल्प लेना बहुत आवश्क है उसका अंत तक पालन करना चाहिए |
14 ) मन्त्र का उच्चारण पूर्णता शुद्ध हों और मन्त्र गुरु मुख से लेना चाहिये किसी भी मन्त्र का साधना करने से पहले मन्त्र गुरुमुखी हों और उसका उत्ककीलन होना बहुत आवश्क है |
15) साधना अनुष्ठान मे मन्त्र जप पूर्ण होंने के बाद निर्धारित मन्त्र का दशांश भाग मन्त्र जप करतें हुए हवन मे आहुतिया देनी चाहिये नहीं और साधना जिस गुरु के सांध्य कर रहे है उनके अनुसार हवन करना चाहिये |

समस्या जैसे तंत्र बाधा,भूत-प्रेत शैतानी शक्ति,काला जादू, ग्रहबाधा,अतृप्त आत्मा से परेशान ,भय या कोई बीमार जो ठीक नही हो रही हो ,कुंडली संबंधित कालसर्प योग- पितृदोष, मंगल दोष , चंद्र दोषआदि समस्याओं को तंत्र एवं साधनायो द्वारा निदान करना है |

Problems like Tantric obstruction, ghosts, evil power, black magic, planetary obstruction, troubled by unsatisfied soul, fear or any sick person who is not getting cured, horoscope related Kalsarp Yoga – Pitrudosh, Mangal Dosh, Chandra Dosh etc. problems can be solved through Tantra and Sadhanas. Have to diagnose.

Contact

© योगी रुद्रनाथ गुरुजी